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यह नीला फूल बहुत ही करामाती फूल है, इसकी चाय बहुत फ़ायदेमंद है

यह नीला फूल बहुत ही करामाती फूल है, इसकी चाय बहुत फ़ायदेमंद है

यह नीला फूल बहुत ही करामाती फूल है, इसकी चाय बहुत फ़ायदेमंद है

 

यह एक बेहद खास और करामाती फूल है। यह न केवल अपनी खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसके स्वास्थ्य लाभ भी बहुत महत्वपूर्ण हैं। इस फूल की चाय आजकल बहुत लोकप्रिय हो रही है क्योंकि इसके अंदर कई औषधीय गुण पाए जाते हैं जो शरीर को प्राकृतिक रूप से लाभ पहुंचाते हैं। 

यह नीला फूल बहुत ही करामाती फूल है, इसकी चाय बहुत फ़ायदेमंद है
Aprajita flower

नीले फूल की खासियत:

 

यह नीला फूल अपनी अनूठी नीली रंगत के कारण पहचाना जाता है। यह फूल अपने जीवंत रंग और आकर्षक रूप से बागवानी प्रेमियों का ध्यान खींचता है। यह पौधा न केवल बगीचों में सजावट के लिए बल्कि अपनी औषधीय गुणों के कारण भी उपयोगी है।

हम बात कर रहे हैं अपराजिता के फूल की

 

Aprajita blue flower
Aprajita blue flower

अपराजिता (क्लिटोरिया टर्नेटिया) का नीला फूल, जिसे आमतौर पर ब्लू बटरफ्लाई पी या ब्लू क्लिटरिया के नाम से भी जाना जाता है। अपराजिता के पौधे को आमतौर पर विष्णुकांता या शंकरपुष्पी कहा जाता है। 

 

अपराजिता फूल की चाय के फायदे: Health Benefits of Aprajita Flower Tea

Aprajita tea
Aprajita flower tea

अपराजिता के नीले फूल से बनी चाय स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी मानी जाती है।

इसे बनाने के लिए फूलों को पानी में उबालकर या गर्म पानी में भिगोकर चाय बनाई जाती है। इस चाय का रंग गहरा नीला होता है और इसका स्वाद भी अनोखा होता है।

इसमें कई प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट और पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर के लिए बहुत लाभकारी होते हैं।

 

1. मस्तिष्क की सेहत के लिए फायदेमंद: Good for Brain Health

 

अपराजिता के फूलों में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट और फ्लेवोनोइड्स मस्तिष्क को सक्रिय और स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं।

  • यह चाय मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बढ़ाती है और मानसिक थकान को कम करती है। इसके नियमित सेवन से ध्यान और स्मरण शक्ति में भी सुधार हो सकता है।

2. तनाव और चिंता को कम करता है: Reduces Stress and Anxiety

 

अपराजिता की चाय में एंटी-डिप्रेसेंट गुण होते हैं, जो तनाव और चिंता को कम करने में सहायक होते हैं।

  • इसका सेवन आपको मानसिक रूप से शांत रखता है और नींद की गुणवत्ता में सुधार करता है।

3. स्किन और बालों के लिए फायदेमंद: Beneficial for Skin and Hair

 

अपराजिता का फूल एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है, जो त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाए रखने में मदद करता है।

  • इसके साथ ही, बालों की सेहत के लिए भी यह लाभकारी है, क्योंकि यह बालों की जड़ों को मजबूत करता है और बालों का गिरना कम करता है।

4. इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है: Boosts Immunity

 

अपराजिता की चाय में मौजूद फ्लेवोनोइड्स और एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं। इसका नियमित सेवन सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियों से बचाने में सहायक हो सकता है।

5. डिटॉक्सिफिकेशन: Detoxification

 

अपराजिता की चाय शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है, जिससे आपके शरीर का डिटॉक्सिफिकेशन होता है।

  • यह चाय किडनी और लिवर की सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होती है।

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कैसे बनाएं अपराजिता की चाय: How to Make Aprajita Tea

 

Aprajita tea

अपराजिता की चाय बनाना बहुत ही सरल है।

  • कुछ ताजे या सूखे नीले फूल लें और उन्हें एक कप गर्म पानी में डालें।
  • कुछ मिनटों तक इसे उबलने दें, और फिर इसे छानकर पीएं।
  • इसमें आप शहद और नींबू भी मिला सकते हैं, जिससे इसका स्वाद और अधिक बढ़ जाएगा।

निष्कर्ष:

अपराजिता का नीला फूल न केवल देखने में सुंदर होता है, बल्कि इसके औषधीय गुण भी इसे खास बनाते हैं। आज ही अपराजिता का पौधा अपने घर लाए और इसके फूल के औषधीय गुण के फायदे उठाइए।


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घर पर स्वस्थ पौधे उगाने के 7 महत्वपूर्ण रहस्य

Gardening Tips: घर पर स्वस्थ पौधे उगाने के 7 महत्वपूर्ण रहस्य

घर पर स्वस्थ पौधे उगाने के 7 महत्वपूर्ण रहस्य

 

पौधे न केवल घर के वातावरण को ताजगी देते हैं, बल्कि बालकनी या आंगन में उनकी हरियाली से घर की सुंदरता भी बढ़ जाती है। हालांकि, कई लोग पौधे लगाना चाहते हैं, लेकिन जब पहला पौधा कुछ ही दिनों में मुरझा जाता है, तो बागवानी का ख्याल ही छोड़ देते हैं।

Tips to grow healthy plants at home
healthy plants at home

कुछ लोगों के घरों में पौधे तो होते हैं, लेकिन वे सूखे और बेजान दिखते हैं। खाद-पानी डालने के बावजूद भी अगर पौधे अपनी चमक खो रहे हैं, तो आपको कुछ खास टिप्स अपनाने की जरूरत है। यहां हम आपको 7 सीक्रेट्स बता रहे हैं, जो आपके पौधों को लहलहाने में मदद करेंगे।

7 Tips to grow healthy plants at home

 

1. उपजाऊ मिट्टी का महत्व

 

soil mixture
soil mixture for plants

पौधों की वृद्धि के लिए अच्छी जल निकासी वाली और उपजाऊ मिट्टी बेहद जरूरी होती है, जिसमें भरपूर मात्रा में कार्बनिक पदार्थ हों। कुछ लोग मिट्टी में समय पर खाद या जैविक सामग्री नहीं मिलाते, जिससे मिट्टी सख्त हो जाती है और पौधों की वृद्धि रुक जाती है।

समाधान:

  • नियमित रूप से मिट्टी में खाद मिलाएं। आप गाय की गोबर की खाद, वर्मीकम्पोस्ट या अन्य जैविक खाद का उपयोग कर सकते हैं। इससे मिट्टी उपजाऊ बनेगी और पौधों को जरूरी पोषक तत्व मिलेंगे।

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How to make perfect soil mixture for plants

 

2. पानी का सही प्रबंधन

 

watering tulsi plant

पौधों को जरूरत के अनुसार पानी देना बेहद जरूरी है। अक्सर लोग रोजाना पानी देकर पौधों को खराब कर देते हैं। बहुत ज्यादा या बहुत कम पानी देने से पौधे कमजोर हो सकते हैं।

समाधान:

  • मिट्टी की ऊपरी परत सूखने पर ही पानी डालें। मिट्टी की जांच करने के बाद ही पौधों को पानी दें ताकि पानी सही समय पर और सही मात्रा में मिले।

Click here to read:

How to water plants correctly

 

3. पौधों को पर्याप्त धूप प्रदान करें

 

Tulsi plant soil
Tulsi plant in sunlight

पौधों की विकास के लिए धूप अनिवार्य है। कुछ पौधे ज्यादा धूप पसंद करते हैं जबकि इंडोर पौधों को कम धूप की जरूरत होती है।

समाधान:

  • पौधों की प्रजाति के अनुसार उन्हें सही मात्रा में धूप दें। पर्याप्त धूप न मिलने से पौधे कमजोर हो सकते हैं और उनका विकास रुक सकता है।

 

4. उचित पोषक तत्व (खाद) देना

 

सही खाद न मिलने से पौधे कमजोर हो जाते हैं। पोषक तत्वों की कमी से पौधों की वृद्धि प्रभावित होती है।

समाधान:

  • नियमित रूप से पौधों को गोबर की खाद, वर्मीकम्पोस्ट, सरसों की खली आदि दें। केले के छिलके से बने खाद में पोटैशियम अधिक होता है, जो पौधों की वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है।

पौधों के लिए टॉनिक का काम करता है ये फ़र्टिलाइज़र

 

5. कटाई-छंटाई (प्रूनिंग) करें

 

pruning money plant dead leaves
pruning money plant dead leaves

अगर आप अपने पौधे में अधिक फूल या फल चाहते हैं, तो नियमित छंटाई आवश्यक है।

समाधान:

  • सूखी और पीली पत्तियों को समय-समय पर हटाएं ताकि पौधा इन पत्तियों पर अपनी ऊर्जा न गवाएं।
  • पौधे के निचले हिस्से की पत्तियों को भी हटाया जा सकता है, क्योंकि वे प्रकाश संश्लेषण में भाग नहीं लेतीं।

6. मिट्टी की गुड़ाई (तिलाई) करें

 

Tulsi plant soil tilling

 

पौधों की वृद्धि के लिए मिट्टी की गुड़ाई करना जरूरी है। यह प्रक्रिया मिट्टी को नरम बनाती है और हवा का अच्छा संचार सुनिश्चित करती है, जिससे जड़ें मजबूत होती हैं।

समाधान:

  • सप्ताह में एक बार मिट्टी की गुड़ाई करें ताकि मिट्टी के पोषक तत्व सही तरीके से ऊपर-नीचे हो सकें।

7. कीटों के हमले से बचाव

neem pesticide spray

पौधों पर कीटों का हमला आम समस्या है। फफूंद, मीलीबग्स जैसे कीट पौधों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

समाधान:

  • हर तीसरे दिन पौधों की जांच करें। अगर कीटों का हमला दिखाई दे तो तुरंत कीटनाशक का छिड़काव करें ताकि पौधों को बचाया जा सके।

निष्कर्ष

 

इन 7 सरल लेकिन प्रभावी सीक्रेट्स को अपनाकर आप अपने हाउस प्लांट्स को हरा-भरा और स्वस्थ बना सकते हैं। सही मिट्टी, पानी, धूप और पोषण का ध्यान रखकर आप अपने पौधों को बेहतरीन तरीके से उगा सकते हैं।


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seaweed fertilizer tonic

पौधों के लिए टॉनिक का काम करता है ये फ़र्टिलाइज़र: सीवीड फर्टिलाइजर

सीवीड (समुद्री शैवाल) फर्टिलाइज़र पौधों के लिए एक बेहतरीन टॉनिक माना जाता है। इसमें मौजूद पोषक तत्व पौधों की जड़ों को मजबूत बनाते हैं, उनकी वृद्धि को तेज करते हैं, और उन्हें रोगों से बचाते हैं।

पौधों के लिए टॉनिक का काम करता है ये फ़र्टिलाइज़र:

सीवीड फर्टिलाइजर

 

सीवीड फर्टिलाइज़र को जैविक खाद (आर्गेनिक फ़र्टिलाइज़र) के रूप में जाना जाता है क्योंकि यह प्राकृतिक रूप से समुद्री शैवाल से प्राप्त होता है, जिसमें पौधों के लिए आवश्यक सभी प्रमुख और सूक्ष्म पोषक तत्व होते हैं।

पौधों के लिए टॉनिक का काम करता है ये फ़र्टिलाइज़र: सीवीड फर्टिलाइजर
सीवीड फर्टिलाइजर

सीवीड फ़र्टिलाइज़र के फायदे (benefits of seaweed fertilizer)

 

1. पोषक तत्वों की उच्च मात्रा (High amount of nutrients)

 

  • इसमें नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटैशियम के साथ-साथ आयरन, मैग्नीशियम, जिंक, और कैल्शियम जैसे सूक्ष्म पोषक तत्व होते हैं, जो पौधों के समग्र स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होते हैं।

2. जड़ वृद्धि को बढ़ावा (promotes root growth)

 

tulsi soil

  • यह पौधों की जड़ों को मजबूत बनाता है, जिससे वे मिट्टी से अधिक पोषक तत्व और पानी को अवशोषित कर पाते हैं।

3. जैविक एवं सरल उर्वरक (organic and simple fertilizers)

 

  • यह एक आर्गेनिक और सिंपल फ़र्टिलाइज़र है।
  • इसको बहुत आसानी से गार्डनिंग में उपयोग किया जाता है।
  • आर्गेनिक खाद होने के कारण इसको गार्डनिंग में बहुत इस्तेमाल किया जाता है।

4. सुरक्षित और नॉन-टॉक्सिक (safe & non-Toxic)

 

    • चूंकि यह समुद्री पौधों से बनाया जाता है, इसलिए यह पूरी तरह से सुरक्षित होता है, और इसे व्यावसायिक रूप से बनाने में किसी भी रसायन का उपयोग नहीं किया जाता है, इसलिए यह सभी मनुष्यों और जानवरों और पौधों आदि के लिए सुरक्षित है।
    • इस तरह से प्रयोग करने से पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होता है।

5. घर के सभी पौधों को दिया जा सकता है (can be given to all types of plants)

 

indoor plants

 

(i) यह सभी घरेलू पौधों को दिया जा सकता है। चाहे वह घर के अंदर हो, बाहर हो, गुद्देदार हो, या पौधों की कोई कटिंग हो।

(ii) गुलाब, तुलसी (पवित्र तुलसी), हिबिस्कस, करी पत्ता, एरेका पाम, स्नेक प्लांट और कई अन्य जैसे सभी सामान्य पौधों के लिए.

rose plant
गुलाब का पौधा

नोट:

  • इसमें मौजूद प्राकृतिक हार्मोन जैसे ऑक्सिन और साइटोकिनिन पौधों की वृद्धि को उत्तेजित करते हैं और फलों की गुणवत्ता को बेहतर बनाते हैं।

(iii) हैवी फीडर प्लांट जैसे गुलाब, लीची, नींबू, करेला और कई अन्य पौधों में भी ये खाद दे सकते हैं.

lemon plant

 

6. मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार करता है (improves soil quality)

 

soil mixture
मिट्टी
    • यह मिट्टी में मिलकर प्राकृतिक रूप से मिट्टी की उर्वरता को कई गुना बढ़ा देता है।
    • यह मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ को बढ़ाता है और कई प्रकार के सूक्ष्मजीवों को सक्रिय करता है जो मिट्टी को और भी अधिक प्रभावी बनाते हैं।
    • यह मिट्टी में मौजूद सूक्ष्म जीवों की उर्वरता को तेज करता है, जिससे मिट्टी अधिक उपजाऊ हो जाती है।

7. पौधों द्वारा आसानी से अवशोषित होता है (easily absorbed by plants)

 

seaweed liquid in plants
पौधों में Seaweed liquid fertilizer
    • समुद्री शैवाल की तरल खाद (Seaweed liquid fertilizer) पौधों द्वारा बहुत आसानी से अवशोषित हो जाता है, इसलिए यह पौधों को कम समय में अधिक शक्ति प्रदान करने का एक बहुत प्रभावी खाद भी है।
    • इसमें मौजूद एल्गिनिक एसिड पानी पृष्ठ तनाव को कम करता है जिससे पौधा इसमें मौजूद पोषक तत्वों को आसानी से अवशोषित कर लेता है।

8. इसको उपयोग करने के लिए किसी विशेषज्ञता की आवश्यकता नहीं है (No expertise required to use it)

 

    • यह बाज़ार में आसानी से उपयोग करने लायक एवं तैयार उपलब्ध है।
    • इसे किसी भी नर्सरी, बाजार या ऑनलाइन भी खरीदा जा सकता है।
    • इस घोल का उपयोग करने के लिए किसी विशेषज्ञता की आवश्यकता नहीं है, कोई भी इसे बिना किसी जटिलता के उपयोग कर सकता है।

9. यह लाभदायक परिणाम देता है (it gives beneficial results)

 

    • कई मामलों में लाभकारी परिणाम देखने को मिलते हैं, पौधे ठीक से बढ़ने लगते हैं, और समुद्री शैवाल के घोल के उपयोग के बाद ही पौधों में थोड़े समय में ही फूल और फल लगने लगते हैं।

10. इसको आसानी से स्टोर कर सकते हैं (it can be easily stored)

 

    • समुद्री शैवाल की खाद बोतल या पाउच पैकिंग में आता है इसलिए इसे स्टोर करना भी आसान है।
    • एक बोतल या पाउच की कीमत लगभग 200-250 रुपये है। एक बोतल 4-5 महीने तक चलेगी.
    • समुद्री शैवाल के दानों के पैकेट की कीमत लगभग 270 रुपये प्रति किलोग्राम है, तुलनात्मक रूप से यह तरल घोल की बोतलों से सस्ता है।

11. रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार (improves immunity)

 

  • सीवीड फर्टिलाइज़र पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, जिससे वे कीटों और बीमारियों से बचाव कर पाते हैं।

seaweed liquid fertilizer

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Seaweed Fertilizer का उपयोग कैसे करें


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Jade plant

12 कारणों से आपको घर में जेड प्लांट रखना चाहिए

जेड प्लांट एक सरल और कम रखरखाव वाला पौधा है। यह न केवल आपके घर में हरियाली लाता है, बल्कि इसे रखना भी बहुत आसान है।

अगर आप बागवानी में नए हैं या बहुत व्यस्त रहते हैं, तो जेड प्लांट आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है। इसके अलावा, यह सकारात्मक ऊर्जा और सौभाग्य लाने के लिए भी माना जाता है। यहाँ 12 कारण दिए जा रहे हैं कि आपको अपने घर में जेड प्लांट क्यों रखना चाहिए:

12 कारण क्यों आपको घर में जेड प्लांट रखना चाहिए  

 

1. सौभाग्य और सकारात्मक ऊर्जा लाता है:

 

लोककथाओं और फेंग शुई सिद्धांतों के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि जेड प्लांट अपने मालिकों के लिए समृद्धि और सौभाग्य को आकर्षित करता है।

  • अपने घर में इसे रखकर, आप अपने रहने के स्थान में सकारात्मकता और प्रचुरता का वातावरण लाते हैं।

2. कम रखरखाव, टिकाऊ पौधा:

jade plant in blue pot
Healthy Jade plant in ceramic pot

व्यस्त दिनचर्या के कारण अक्सर पौधों की देखभाल के लिए बहुत कम समय बचता है। सौभाग्य से, जेड प्लांट उपेक्षा से पनपता है, और इसे कम से कम ध्यान और रखरखाव की आवश्यकता होती है।

  • इसकी मजबूत प्रकृति के कारण, शुरुआत करने वाले बागवान भी आसानी से एक समृद्ध इनडोर गार्डन की सुंदरता का आनंद ले सकते हैं।

3. वाटर-वाइज वंडर:

 

इस पौधे को बार-बार पानी देने की जरूरत नहीं होती। यह अपनी पत्तियों में पानी जमा कर लेता है, जिससे यह सूखे को भी सहन कर लेता है।

jade plant pot 1

4. आकार और शैली में बहुमुखी:

 

जेड प्लांट किसी भी स्थान में फिट हो सकता है, चाहे वह छोटा गमला हो या बड़ा।

  • यह किसी भी आंतरिक सजावट योजना में आसानी से समायोजित हो जाता है।

5. बारहमासी पौधा:

 

जेड प्लांट सालभर हरा-भरा रहता है, जिससे आपका घर हमेशा ताजगी से भरा रहता है। इसका कालातीत आकर्षण आपके घर की सजावट का स्थायी हिस्सा बन जाता है।

6. विभिन्न जलवायु में पनपता है:

 

चिलचिलाती गर्मियों से लेकर सर्द सर्दियों तक, जेड पौधा लचीला होता है और विभिन्न जलवायु में पनपने में सक्षम होता है।

  • अत्यधिक तापमान को सहने की उनकी क्षमता उन्हें दुनिया भर के घरों के लिए आदर्श साथी बनाती है।

7. कीट-मुक्त मन की शांति:

 

इस पौधे में प्राकृतिक सुरक्षा गुण होते हैं, जो इसे कीटों से बचाते हैं। इससे आपको कीटों की चिंता किए बिना इसकी हरियाली का आनंद लेने का अवसर मिलता है।

8.किसी भी प्रकार की मिट्टी के लिए अनुकूल:

 

जेड प्लांट किसी भी प्रकार की मिट्टी में पनप सकता है, चाहे वह रेतीली हो, दोमट हो या चिकनी मिट्टी हो। यह इसकी अनुकूलता का प्रमाण है।

9. उगाने का लचीला माध्यम: 

 

आप जेड प्लांट को पारंपरिक मिट्टी के अलावा पानी, लेक्का बॉल्स या कोको पीट जैसे अन्य माध्यमों में भी उगा सकते हैं।

10. सरल प्रसार:

 

जेड प्लांट को कटिंग से उगाना बहुत आसान है। इससे आप अपने दोस्तों और परिवार के साथ इसे बाँट सकते हैं या घर में नई व्यवस्था बना सकते हैं।

11. बोनसाई सौंदर्य:

 

आप जेड प्लांट से सुंदर बोन्साई बना सकते हैं। इसके लचीले तने और जीवंत पत्तियाँ इसे बोन्साई के लिए आदर्श बनाते हैं।

12. लटकते हुए गमलों के साथ उन्नत सजावट:

 

Jade hanging pot

हैंगिंग पॉट्स में जेड प्लांट लगाकर साधारण जगहों को असाधारण शोकेस में बदल दें।

  • छत से लटकाए जाने या अलमारियों पर प्रदर्शित किए जाने पर, ये झरने जैसी सुंदरियाँ किसी भी कमरे में ऊर्ध्वाधर आयाम और दृश्य रुचि जोड़ती हैं।

अंत में, जेड प्लांट प्राकृतिक सुंदरता और शांति का प्रतीक है, जो हमारे घरों और जीवन दोनों को समृद्ध करने वाले कई लाभ प्रदान करता है। 

Read this article in English

12 Reasons to Have Jade Plant at Home

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गर्मी के मौसम में गुलाब के पौधे की देखभाल कैसे करें

गुलाब सर्दियों में पनपते हैं, अक्टूबर से मार्च तक (भारत में) खूबसूरती से खिलते हैं। फिर भी, वे गर्मी के महीनों के दौरान संघर्ष करते हैं। उच्च तापमान उन्हें सुस्त बना देता है, जिससे विकास की गति धीमी हो जाती है और फूल भी कम आते हैं।

गर्मी के मौसम में गुलाब के पौधे की देखभाल करना उनके स्वास्थ्य को बनाए रखने और यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है कि वे बाद में खूबसूरती से खिलें। गुलाब को मौसम के आधार पर अलग-अलग देखभाल की आवश्यकता होती है। आइये जानते है गर्मी के मौसम में गुलाब की देख भाल कैसे की जाए-

rose flower
rose flower

गर्मी के मौसम में गुलाब के पौधे की देखभाल कैसे करें?

 

1. जड़ और पत्ती के स्वास्थ्य को बढ़ावा देना

 

चूँकि गर्म तापमान के दौरान गुलाब में फूल कम आते हैं, इसलिए जड़ों और पत्तियों के पोषण को प्राथमिकता दें। स्वस्थ हरी पत्तियाँ गर्मी को बेहतर ढंग से सहन कर सकती हैं और बाद के मौसम में मजबूत फूलों का पोषण करेंगी।

rose flower pruning

  • पौधे को अपनी ऊर्जा को खिलने में लगाने से रोकने के लिए, जो भी कलियाँ या फूल उगने लगें उन्हें हटा दें, जो संपूर्ण पौधे को कमजोर कर सकता है।

2. धूप और उच्च तापमान से बचाएं

 

इस समय तापमान और सूर्य की गर्मी दोनों अपने चरम पर होती हैं। गर्मी के दिनों में इस पौधे को खराब करने में इन दोनों का ही अग्रणी हाथ है।

Dry soil of rose plant

  • अगर तापमान और धूप को कुछ हद तक नियंत्रित कर लिया जाए तो पौधे काफी हद तक ठीक हो जाएंगे।

(i) गुलाब के पौधों को सीधी धूप से बचाएं

दिन के सबसे गर्म हिस्सों के दौरान गुलाब के पौधों को सीधी धूप से बचाएं।

  • तेज़ धूप के संपर्क को कम करने के लिए उन्हें छायादार क्षेत्र में या हरे जाल के नीचे रखें।

 

(ii) ऊष्मा के स्थानांतरण को रोकें:

उच्च तापमान के कारण गमलों के नीचे का फर्श गर्म हो सकता है, जिससे पौधों में ऊष्मा स्थानांतरित हो सकती है।

  • फर्श पर जूट के थैले रखें और गर्म फर्श और गमलों के बीच अवरोध पैदा करने के लिए उन्हें पानी से गीला करें। यह जड़ों के आसपास के तापमान को नियंत्रित करने में मदद करता है।

(iii) पौधे पर जल छिड़काव

इस धारणा के विपरीत कि जल छिड़काव से फंगल समस्याएं हो सकती हैं, गर्म मौसम के दौरान गुलाब के पौधों की पत्तियों को हल्के से गीला करना फायदेमंद हो सकता है।

  • यह पौधे को ठंडा करने में मदद करता है और वाष्पीकरण के माध्यम से अत्यधिक पानी की हानि को रोकता है।
  • यह पत्तियों से धूल हटाने में भी मदद करता है, बेहतर प्रकाश संश्लेषण को बढ़ावा देता है।

3. पानी देने के टिप्स

 

watering rose plant 1

पानी देना गुलाब के पौधों की देखभाल का एक महत्वपूर्ण पहलू है, खासकर अत्यधिक गर्मी के महीनों के दौरान।

  • यह सुनिश्चित करने के लिए यहां कुछ आवश्यक सुझाव दिए गए हैं कि आपके गुलाबों को सही मात्रा में पानी मिले और इष्टतम नमी का स्तर बना रहे:

(i) मिट्टी की नमी की निगरानी करें:

अपने गुलाब के पौधों के आसपास की मिट्टी की नमी के स्तर पर नज़र रखें।

  • शाखाओं को झुकने और सूखने से बचाने के लिए मिट्टी में हमेशा थोड़ी मात्रा में नमी बरकरार रखनी चाहिए।
  • खासकर गर्मी के समय सुनिश्चित करें कि मिट्टी पूरी तरह से सूख न जाए।

(ii) पानी देने का समय:

अपने गुलाब के पौधों को सुबह या शाम को पानी दें। सुबह पानी उपलब्ध कराने से प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया शुरू करने में मदद मिलती है, क्योंकि यह सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में होता है।

  • सुबह का पानी दिन की गर्मी के दौरान खोई हुई नमी को फिर से भरने में भी मदद करता है। यदि आवश्यक हो, तो आप शाम को भी पानी दे सकते हैं, लेकिन हमेशा पहले मिट्टी की नमी के स्तर की जाँच करें।

(iii) सामान्य तापमान वाले पानी का प्रयोग करें:

watering rose plant

अपने गुलाब के पौधों को पानी देने के लिए हमेशा सामान्य तापमान पर पानी का उपयोग करें।

  • गर्म पानी का उपयोग करने से बचें, क्योंकि इससे पौधों को झटका लग सकता है और नुकसान हो सकता है।
  • सिंचाई के लिए उपयोग करने से पहले सुनिश्चित करें कि पानी की टंकियों का पानी बहुत गर्म न हो। इसके अतिरिक्त, स्प्रे का उपयोग करते समय, सुनिश्चित करें कि पानी सामान्य तापमान पर हो।

(iv) अत्यधिक पानी देने से बचें:

हालाँकि गर्मियों के दौरान गुलाब को अधिक बार पानी देने की आवश्यकता हो सकती है, लेकिन सावधान रहें कि अधिक पानी न दें।

Avoid overwatering

  • अधिक पानी देने से जड़ सड़न और फफूंद संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। बार-बार पानी देने के बजाय एक बार गहरा पानी देना बेहतर है।
  • यह मिट्टी को लंबे समय तक नमी बनाए रखने की अनुमति देकर जड़ सड़न को रोकने में मदद करता है।

4. मिट्टी को लम्बे समय तक नम कैसे रखें?

 

Moist soil of rose plant

 

अपने गुलाब के पौधों के आसपास की मिट्टी को लंबे समय तक नम रखने के लिए, आप निम्नलिखित तकनीकों का उपयोग कर सकते हैं:

(i) मिट्टी में पोटिंग मिश्रण मिलाना:

खाद और कोको पीट को बराबर भागों में, एक चौथाई भाग रेत और गुलाब-फूल उर्वरक के साथ मिलाकर एक पॉटिंग मिश्रण बनाएं। सभी घटकों का पूरी तरह से मिश्रण सुनिश्चित करें।

 

पौधे के चारों ओर मौजूदा मिट्टी को ढीला करें और ऊपरी परत को हटा दें।

  • तैयार पॉटिंग मिश्रण को मिट्टी में मिला दें। खाद और कोको पीट दोनों में उत्कृष्ट जल धारण गुण होते हैं, जो प्रभावी रूप से लंबे समय तक मिट्टी के भीतर नमी को बनाए रखते हैं।

(ii) मल्चिंग:

मल्चिंग में मिट्टी की सतह को ऐसी सामग्रियों से ढंकना शामिल है जो पानी को अवशोषित करती हैं और बनाए रखती हैं, जिससे सूरज की रोशनी के सीधे संपर्क में आने से रोका जा सकता है।

  • मल्चिंग के लिए विभिन्न सामग्रियों का उपयोग किया जा सकता है, जैसे सूखी पत्तियां, चावल की भूसी, पानी सोखने वाला कपड़ा, पानी सोखने वाला कैरी बैग, या यहां तक कि हरा जाल भी। ये सामग्रियां मिट्टी को नम रखते हुए हवा को गुजरने देती हैं।

मल्चिंग करने के टिप्स:

  • हमेशा की तरह मिट्टी को अपनी चुनी हुई मल्चिंग सामग्री और पानी से ढक दें। गीली घास वाष्पीकरण को धीमा करने में मदद करती है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि मिट्टी लंबे समय तक नम रहती है।
  • जब उर्वरक लगाने का समय हो, तो बस गीली घास को हटा दें, उर्वरक लगाएं और फिर गीली घास को बदल दें।
  • इसके अतिरिक्त, मल्चिंग से खरपतवार की वृद्धि को दबाने में मदद मिलती है।

5. गुलाब की पत्तियों पर काला धब्बा

 

कभी-कभी, गुलाब की पत्तियों पर काले धब्बे विकसित हो सकते हैं या क्षति के लक्षण दिखाई दे सकते हैं, पीले हो सकते हैं, जो अक्सर फंगल संक्रमण के कारण होते हैं। 

black spot in rose

  • फंगल संक्रमण के कारण होने वाले काले धब्बों और पीलेपन को रोकने के लिए मासिक रूप से फफूंदनाशक लगाएं। 5 लीटर पानी में 2-3 चुटकी फफूंदनाशक मिलाकर पौधे पर लगाएं।

6. गुलाब के पौधे पर कीट का हमला

 

गर्मियों के दौरान, नीम स्प्रे से गुलाब को माइलबग जैसे कीटों से बचाएं।

  • नीम की पत्तियों को उबालें, उसका काढ़ा पतला करें और साप्ताहिक रूप से लगाएं। यदि नीम की पत्तियाँ उपलब्ध नहीं हैं तो नीम के तेल का स्प्रे एक विकल्प है।

इन उपायों को अपनाने से चुनौतीपूर्ण गर्मी के मौसम में गुलाब के पौधों को सुरक्षित रखने में मदद मिलती है। तीव्र गर्मी की इस अवधि के दौरान पौधों की देखभाल और ध्यान देना महत्वपूर्ण है, प्रचुर मात्रा में फूल आने की उम्मीद करने के बजाय उनकी स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

शुभ बागवानी!

Hibiscus in pot

गुड़हल में ये खाद डालने से आएंगे फूल ही फूल

गुड़हल में ये खाद डालने से आएंगे फूल ही फूल

 

कई बागवानों को अक्सर इस समस्या का सामना करना पड़ता है कि उनके स्वस्थ गुड़हल  (हिबिस्कस) पौधे अच्छी स्थिति में होने के बावजूद फूल नहीं दे रहे हैं।

परिणामस्वरूप, वे अनजाने में पौधे को गलत खादों से उपचारित करते हैं, जिससे नुकसान होता है।

एक ऐसे गुड़हल (हिबिस्कस) के लिए जो स्वस्थ है लेकिन खिलता नहीं है, इसमें कई कारक शामिल हो सकते हैं। सही खाद का चयन महत्वपूर्ण अंतर ला सकता है और फूल आने को बढ़ावा दे सकता है।

गुड़हल के फूल के लिए सर्वोत्तम खाद

 

अतः, ऐसा क्यों हो रहा है और इसके पीछे क्या कारण हैं? आइए उन परेशानियों की एक सूची की समीक्षा करें जो आपके गुड़हल का पौधा सामना  कर रहा है, यदि इसमें नहीं आ रहे हैं:

1. कलियाँ नहीं खिल रही:

 

Hibiscus buds

  • मिट्टी में फास्फोरस की कमी से फूलों के उत्पादन में बाधा आ सकती है, इसलिए खिलने को बढ़ावा देने के लिए ऐसे उर्वरक की तलाश करना महत्वपूर्ण है जिसमें फास्फोरस हो।

 

2. पौधा स्वस्थ लेकिन फूल नहीं:

 

    • कभी-कभी, गुड़हल के पौधे फूलों के बजाय पत्ते उगाने पर फोकस करते हैं।
    • समग्र पौधों के स्वास्थ्य और फूलों के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए समान एन-पी-के अनुपात वाले संतुलित उर्वरक का विकल्प चुनें।

 

3. पीली पत्तियाँ:

 

hibiscus yellow leaves

    • पीली पत्तियाँ नाइट्रोजन की कमी का संकेत दे सकती हैं।
    • नाइट्रोजन की कमी को दूर करने और हरी पत्तियों को बढ़ावा देने के लिए उच्च नाइट्रोजन वाला खाद चुनें।

 

4. कलियाँ परिपक्व नहीं:

 

    • यदि गुड़हल (हिबिस्कस) कलियों को पर्याप्त पोटेशियम नहीं मिल रहा है तो वे परिपक्व होने में विफल हो सकती हैं।
    • कली के विकास और परिपक्वता में सहायता के लिए उच्च पोटेशियम वाले उर्वरक की तलाश करें।

 

5. कलियों का गिरना:

hibiscus bud falling

    • जड़ के खराब विकास या तनाव के कारण कलियाँ समय से पहले गिर सकती हैं।
    • जड़ों के स्वास्थ्य और लचीलेपन में सुधार के लिए मैग्नीशियम और आयरन जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों वाले उर्वरक पर विचार करें।

 

गुड़हल के पौधे पर फूल क्यों नहीं आ रहे हैं?

 

गुड़हल के पौधों में फूल न आने का मुख्य कारण अक्सर पोषक तत्वों की कमी होती है। इसका श्रेय दो कारकों को दिया जा सकता है:

 

1. पौधों के विभिन्न भागों में अकुशल पोषक तत्व वितरण

 

जब जड़ों को उर्वरक प्रदान किया जाता है, तो यह पौधे के अन्य भागों, जैसे तना, पत्तियों, शाखाओं या कलियों तक कुशलतापूर्वक वितरित नहीं होता है।

 

2. पौधों की जड़ों तक स्टार्च-आधारित भोजन का सीमित वितरण

 

इसके अतिरिक्त, जहाँ पौधे अपने पत्तों में स्टार्च के रूप में अपना भोजन उत्पन्न करते हैं, यह संभव है कि भोजन पत्तियों में ही रहे और पौधे की जड़ों के अन्य भागों में वितरित न हो।

 

नोट: 

  • स्टार्च पौधों, विशेषकर उनकी जड़ों को प्रतिरक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

उपरोक्त दो कारकों से संकेत मिलता है कि पौधों की “परिवहन प्रणाली” अच्छी तरह से काम नहीं कर रही है जिसे पोटेशियम की कमी के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।

सौभाग्य से, केले और केले के छिलके में पोटेशियम अत्यधिक उपलब्ध होता है और इसका उपयोग पौधे की परिवहन प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए किया जा सकता है।

  • यदि इस स्थिति में पौधे को केले के छिलके की खाद खिला दी जाए तो समस्या का समाधान हो जाएगा।

3. केले के छिलके की पोषक तत्वों से भरपूर संरचना

 

banana peel fertilizer

न केवल पोटेशियम बल्कि केले के छिलके में कैल्शियम, मैग्नीशियम, सल्फर और फास्फोरस जैसे कई अन्य पोषक तत्व होते हैं, जो पौधों की वृद्धि और विकास के लिए आवश्यक हैं।

 

4. केले के छिलके में सूक्ष्म पोषक तत्व की मात्रा

 

इसके अतिरिक्त, केले के छिलके में जिंक, तांबा और आयरन जैसे अन्य सूक्ष्म पोषक तत्व होते हैं, जो पौधों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं।

केले के छिलके की खाद कब दें?

banana peel

 

1. छोटे पौधों को केले के छिलके की खाद न दें

 

उन पौधों पर केले के छिलके के उर्वरक का उपयोग करने से बचें जो अभी छोटे हैं या बढ़ने की अवस्था में हैं क्योंकि उस समय उन्हें नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम (एनपीके) की समान मात्रा की आवश्यकता होती है।

केले की खाद में नाइट्रोजन की मात्रा बहुत कम होती है. इससे पोषक तत्वों का असंतुलन हो जाएगा और नाइट्रोजन की कमी के कारण पौधे मर सकते हैं।

 

2. फूल आने या फल लगने की अवस्था के दौरान केले के छिलके की खाद डालें

केले की खाद हमेशा तब दें, जब पौधा फूल या फल लगने की अवस्था में हो।

3. केले के छिलके के उर्वरक को अन्य उर्वरकों के साथ संतुलित करना

 

जबकि केले के छिलके के उर्वरक का उपयोग सभी पौधों पर किया जा सकता है, पोषक तत्वों का संतुलन बनाए रखने के लिए इसे अन्य उर्वरकों के साथ बदलना महत्वपूर्ण है।

  • केले के छिलके की खाद डालने के बाद, अन्य खाद जैसे गोबर तरल खाद या किसी अन्य का उपयोग करने से पहले कम से कम 10 से 15 दिन तक प्रतीक्षा करें।

4.  प्याज के छिलके की तरल खाद

 

onion peel liquid

केले के छिलके की खाद के बाद, 10 से 15 दिनों तक प्रतीक्षा करें और फिर पौधे को प्याज के छिलके की तरल खाद दें।

  • यह उर्वरक फूलों के खिलने को भी बढ़ावा देता है, और आप कुछ ही दिनों में नई कलियाँ दिखने की उम्मीद कर सकते हैं।

नोट:

  • ऐसे मामलों में जहां खिलते पौधे की पत्तियां पीली हो जाती हैं, यह अधिक पोषक तत्वों की आवश्यकता का संकेत है।

5.  गाय के गोबर का तरल उर्वरक

 

cow dung decompose

  • प्याज के छिलके की खाद डालने के 10 दिन बाद पौधे को गाय के गोबर से बनी तरल खाद दें।

हर 10 दिनों में अलग-अलग तरल उर्वरक लगाने के इस शेड्यूल का पालन करके, आप अपने गुड़हल में लगातार फूल खिलने को प्रोत्साहित कर सकते हैं।

पौधों को स्वस्थ विकास के लिए सूरज की रोशनी, पानी, हवा और पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। इन आवश्यकताओं की सावधानीपूर्वक निगरानी करें और उन्हें पूरा करें। फूल खिलते समय, अधिक पोषण से बचने के लिए खाद कम दें। उपचार लागू करने से पहले चेकलिस्ट का पालन करें।

शुभ बागवानी!

banana peel fertilizer

केले के छिलके की खाद कैसे बनाएं: लाभ और उपयोग

पौधों के लिए केले के छिलके की खाद के लाभ और उपयोग

अगर आपको बागवानी का शौक है तो केले के छिलके आपके पौधों के लिए बहुत काम आएंगे। केले के छिलके की खाद जैविक खाद का एक उत्कृष्ट स्रोत है जिसे आसानी से घर पर बनाया जा सकता है। यह पौधों को बढ़ने और पनपने के लिए जरूरी आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करने का एक प्राकृतिक और लागत प्रभावी तरीका है।

कई लोगों की शिकायत होती है कि पौधे की सभी आवश्यक देखभाल और उपाय करने के बावजूद, इसके विकास में अभी भी अनियमितताएं हैं। मेरे पौधों में फूल नहीं आ रहे हैं या पौधा स्वस्थ है लेकिन फूल या फल नहीं आ रहे हैं।

  • तो, ऐसा क्यों हो रहा है और इसके पीछे क्या कारण हैं?
  • banana peel

इसका मुख्य कारण आपके पौधे में पोषक तत्वों की कमी है। यह दो कारकों को इंगित करता है:

  1. जब जड़ों में खाद डाला जाता है, तो यह पौधे के अन्य भागों, जैसे तना, पत्तियों, शाखाओं या कलियों तक कुशलतापूर्वक वितरित नहीं हो पाता है।
  2. इसके अतिरिक्त, जहाँ पौधे अपनी पत्तियों में स्टार्च के रूप में अपना भोजन बनाते हैं, यह संभव है कि भोजन पत्तियों में ही रह जाए और पौधे की जड़ों के अन्य भागों में वितरित न हो।

नोट: स्टार्च पौधों, विशेषकर उनकी जड़ों को प्रतिरक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

उपरोक्त दो कारकों से संकेत मिलता है कि पौधों की “परिवहन प्रणाली” अच्छी तरह से काम नहीं कर रही है जिसके लिए पोटेशियम की कमी को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।

  • सौभाग्य से, केले और केले के छिलकों में पोटेशियम अत्यधिक मात्रा में उपलब्ध होता है और इसका उपयोग पौधे की परिवहन प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए किया जा सकता है।
  • यदि इस स्थिति में पौधे में केले के छिलके की खाद डाली दी जाए तो समस्या का समाधान हो जाएगा।

नोट:

    • न केवल पोटेशियम बल्कि केले के छिलके में कैल्शियम, मैग्नीशियम, सल्फर और फास्फोरस जैसे कई अन्य पोषक तत्व होते हैं, जो पौधों की वृद्धि और विकास के लिए आवश्यक हैं।
    • इसके अतिरिक्त, केले के छिलके में अन्य सूक्ष्म पोषक तत्व, जैसे जस्ता, तांबा और लोहा पाए जाते हैं, जो पौधों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं।

घर पर ही केले के छिलके की खाद कैसे बनाएं? 

घर पर केले की खाद बनाने के कई तरीके हैं। उनमें से कुछ का विवरण यहां दिया गया है:

तरीका – 1

  1. केले के छिलकों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लीजिए।
  2. इन्हें एक साफ बर्तन में रखें और पानी भर दें. सुनिश्चित करें कि छिलके पानी में ठीक से डूबे हुए हैं।
  3. कन्टेनर को ढककर किसी छायादार जगह पर 8-10 घंटे के लिए रख दीजिए.
  4. इस प्रक्रिया के दौरान केले के गूदे के अवशेष पानी में घुल जाते हैं.
  5. 10 घंटे के बाद, पानी को छान लें और इसे अधिक पानी (उत्पादित खाद की मात्रा से 7-8 गुना अधिक पानी का उपयोग करके) के साथ पतला करें। उसके बाद, अपने पौधों को डालने के लिए पतला मिश्रण का उपयोग करें।
  6. पौधों पर प्रयोग करने से पहले खाद को छानकर पतला कर लेना आवश्यक है। अन्यथा, पोटेशियम की मात्रा आवश्यकता से बहुत अधिक होगी, जो पौधे को अन्य पोषक तत्वों को अवशोषित करने से रोक सकती है।

तरीका – 2 (केले के छिलके का पाउडर खाद)

  1. केले के छिलकों को काटकर धूप में सुखा लें.
  2. 4 दिन बाद छिलके पूरी तरह सूखे, काले और कुरकुरे हो जायेंगे.
  3. सूखे छिलकों को बारीक पीसकर एक कन्टेनर में भरकर रख लें।
  4. जब आवश्यकता हो, पाउडर को पानी में घोलें और इसका उपयोग अपने पौधों में डालने के लिए करें।
  5. वैकल्पिक रूप से, आप केले के छिलके के पाउडर को मिट्टी की ऊपरी परत पर छिड़क सकते हैं और पौधे को पानी दे सकते हैं।
  6. केले की खाद मिट्टी में धीरे-धीरे विघटित होगी, इसलिए बहुत अधिक पानी डालने से बचें। यह विधि आपके पौधों के लिए धीमी गति से रिलीज़ होने वाला खाद प्रदान करती है।

तरीका – 3

  1. केले का छिलका लें और इसे किसी गमले वाले पौधे की मिट्टी में दबा दें।
  2. मिट्टी में कोई अतिरिक्त पानी या नमी न डालें।
  3. समय के साथ, केले का छिलका विघटित हो जाएगा और अपने पोषक तत्वों को मिट्टी में छोड़ देगा, जिससे पौधे के बढ़ने के लिए यह अधिक उपजाऊ हो जाएगी।

यह विधि आपके पौधों को पोषक तत्व प्रदान करने का एक प्राकृतिक तरीका है, लेकिन केले के छिलके को विघटित होने और इसके पोषक तत्व जारी करने में अन्य तरीकों की तुलना में अधिक समय लग सकता है।

केले के छिलके की खाद कब देना चाहिए?

  1. उन पौधों पर केले के छिलके के उर्वरक का उपयोग करने से बचें जो अभी छोटे हैं या बढ़ने की अवस्था में हैं क्योंकि उस समय उन्हें नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम (एनपीके) की समान मात्रा की आवश्यकता होती है।

केले की खाद में नाइट्रोजन की मात्रा बहुत कम होती है। इससे पोषक तत्वों का असंतुलन हो जाएगा और नाइट्रोजन की कमी के कारण पौधे मर सकते हैं।

  1. केले की खाद हमेशा तब दें, जब पौधा फूल या फल लगने की अवस्था में हो।
  2. जहाँ केले के छिलके की खाद का उपयोग सभी पौधों पर किया जा सकता है, पोषक तत्वों का संतुलन बनाए रखने के लिए इसे अन्य खादों के साथ बदलना महत्वपूर्ण है।
  • केले के छिलके की खाद डालने के बाद, अन्य खाद जैसे सरसों की खली या किसी अन्य खाद का उपयोग करने से पहले कम से कम 20 दिन तक प्रतीक्षा करें।
  • इससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि पौधों को उनकी वृद्धि और विकास में सहायता के लिए पोषक तत्वों का संतुलित मिश्रण प्राप्त हो।

महत्वपूर्ण बिंदु:

  1. अधिक पानी देने से पौधा खराब हो सकता है, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि खाद तभी डालें जब मिट्टी पूरी तरह से सूख जाए। इसके अलावा, खाद डालने के बाद पानी तभी देना चाहिए जब मिट्टी सूखी दिखाई दे।
  2. 17 आवश्यक पोषक तत्व हैं, पौधों को स्वस्थ वृद्धि के लिए जिनकी आवश्यकता होती है। सभी पोषक तत्वों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पोटेशियम, नाइट्रोजन और फास्फोरस यानी एनपीके जैसे पूरकों की पर्याप्त मात्रा में आवश्यकता होती है।

इसलिए, खाद पौधों की तीव्र वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

अतः, केले लीजिए, स्वस्थ रहने के लिए उन्हें खाइए और उनके छिलकों का उपयोग अपने पौधों के लिए जैविक खाद बनाने में कीजिए। इस तरह, आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपके पौधों को मजबूत और स्वस्थ रूप से विकसित होने के लिए आवश्यक पोषक तत्व मिलें। उपरोक्त महत्वपूर्ण सुझावों का पालन करके, आप अपने पौधों को पनपने में मदद कर सकते हैं और घरेलू उत्पाद के लाभों का आनंद ले सकते हैं।

शुभ बागवानी!!

curry leaves

गमले में करी पत्ता का पौधा कैसे उगाएं और उसकी देखभाल कैसे करें 

करी पत्ता का पौधा, जो अपनी जादुई सुगंध के लिए जाना जाता है, किसी भी घर के लिए एक आवश्यक पौधा है। हालाँकि यह बाहरी पौधा बढ़ने में काफी संवेदनशील होता है, लेकिन सही पोषण मिलने पर असाधारण परिणाम देते हैं।

आइए इसकी मूलभूत विशेषताओं, आवश्यकताओं और यह विभिन्न स्थितियों और वातावरणों पर कैसे प्रतिक्रिया करता है, इस पर गौर करें। इस लेख में हम महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा करेंगे कि हम घर पर करी पत्ते का पौधा कैसे उगा सकते हैं।

  1. करी पत्ता के पौधे के लिए सबसे अच्छा मौसम
  2. करी पत्ता के पौधे के लिए आदर्श तापमान
  3. करी पत्ता के पौधे के लिए सूर्य के प्रकाश की आवश्यकता
  4. करी पत्ते के पौधे के लिए पसंदीदा गमले के प्रकार
  5. करी पत्ता के पौधे के लिए मिट्टी का मिश्रण
  6. करी पत्ता के पौधे में पानी देने के टिप्स
  7. करी पत्ता के पौधे के लिए जरुरी खाद
  8. करी पत्ता के पौधे के लिए कीटनाशक

करी पत्ता का पौधा एक बारहमासी पौधा है

करी पत्ता, बारहमासी पौधे होने के कारण, कई वर्षों तक  पनपने की क्षमता रखता है यदि लगन के साथ इसका पालन-पोषण किया जाता है और पूरी क्षमता विकसित किया जाता है।

गमले में करी पत्ता का पौधा कैसे उगाएं और उसकी देखभाल कैसे करें

1. करी पत्ता का पौधा कैसे प्राप्त करें?

  • नर्सरी से खरीदें: करी पत्ते के पौधे नर्सरी से खरीदे जा सकते हैं।
  • बीज: वैकल्पिक रूप से, इस पौधे को उगाने के लिए बीजों का उपयोग किया जा सकता है।
  • कटिंग: इसे कटिंग के माध्यम से भी उगाया किया जा सकता है।
  • स्व-प्रसरण: कभी-कभी नए करी पत्ते मौजूदा पौधे से उसकी जड़ों के माध्यम से अपने आप अंकुरित होने लगते हैं।

2. करी पत्ता के पौधे के लिए सबसे अच्छा मौसम

curry plant 1

नर्सरी से करी के पौधे खरीदने का आदर्श समय वसंत ऋतु के दौरान होता है, आमतौर पर फरवरी से मार्च तक। ग्रीष्मकालीन पौधे के रूप में, यह अक्टूबर तक अच्छी तरह फलता-फूलता है।

सुप्त अवधि: सर्दी के मौसम में करी पत्ता का पौधा सुप्त अवधि में प्रवेश करता है और पौधे की वृद्धि धीमी हो जाती है। पत्तियाँ पीली पड़ने लगती हैं और सूखने लगती हैं।

3. करी पत्ता के पौधे के लिए आदर्श तापमान

करी पत्ते की वृद्धि के लिए आदर्श तापमान 18-35 डिग्री सेल्सियस है। इस सीमा से परे, पौधा जीवित रहने के लिए संघर्ष करता है, पत्तियाँ काली या भूरी हो जाती हैं और सूख जाती हैं।

  • अत्यधिक गर्मी के दौरान छाया प्रदान करना और सर्दियों में जब तापमान 8-10 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है तो पौधे को ढंकना इसकी सुरक्षा में मदद करता है।

4. करी पत्ता के पौधे के लिए सूर्य के प्रकाश की आवश्यकता

जब करी पत्ते के पौधों को गमलों में उगाया जाता है, तो उन्हें मजबूत विकास के लिए कम से कम 4 से 5 घंटे की सीधी धूप की आवश्यकता होती है।

5. करी पत्ता के पौधे के लिए गमले के प्रकार

curry leaves plant in pot

करी पत्ते को विभिन्न कंटेनरों जैसे कपड़े की थैलियों, प्लास्टिक की बाल्टी, मिट्टी के बर्तन, चीनी मिट्टी के बर्तन, सीमेंट के बर्तन, प्लास्टिक के बर्तन, या ग्रो बैग में उगाया जा सकता है। शुरुआती लोगों के लिए, मिट्टी के गमले से शुरुआत करने की सलाह दी जाती है।

  • कम से कम 10 इंच के गमले चुनने की सलाह दी जाती है।

6. करी पत्ता के पौधे के लिए मिट्टी का मिश्रण

Soil mix

करी पत्ता के पौधों के लिए अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी का मिश्रण सबसे अच्छा होता है।

  • इस मिश्रण में आमतौर पर बगीचे की मिट्टी, खाद (वर्मीकम्पोस्ट या पत्ती की खाद या गाय के गोबर की खाद), बेहतर जल निकासी के लिए रेत, और वैकल्पिक रूप से, नमी बनाए रखने के लिए कोकोपीट शामिल होता है। इन घटकों को अच्छी तरह से मिश्रित करने से करी पत्ते के पौधों के लिए एक आदर्श विकास माध्यम बनता है।

7. करी पत्ते के पौधे के लिए पानी देने के टिप्स

करी पत्ते के पौधे को तभी पानी दें जब मिट्टी पूरी तरह से सूखी हो, क्योंकि अधिक पानी देने से जड़ सड़ सकती है।

  • सुनिश्चित करें कि जलभराव को रोकने के लिए पानी गमले के निचले छेद से बहता रहे। इष्टतम मिट्टी की नमी के स्तर को बनाए रखने के लिए जलवायु, आर्द्रता और बर्तन के आकार जैसे कारकों के आधार पर पानी देने के कार्यक्रम को समायोजित करें।

8. करी पत्ता के पौधे के लिए खाद

अन्य पत्तेदार पौधों की तरह, करी पत्ता के पौधों को भी नाइट्रोजन (एन), फास्फोरस (पी), और पोटेशियम (के) की संतुलित आपूर्ति के साथ आवश्यक पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है।

  • हालाँकि, वे विशेष रूप से अपने उर्वरक मिश्रण में नाइट्रोजन के उच्च अनुपात से लाभान्वित होते हैं। हरे-भरे पत्ते के विकास को बढ़ावा देने के लिए नाइट्रोजन महत्वपूर्ण है, जो स्वस्थ करी पत्ते के पौधों की विशेषता है।

9. करी पत्ता के पौधे के लिए कीटनाशक

कीटों और बीमारियों के संभावित हमलों को रोकने के लिए, अपने करी पत्ते के पौधे की सुरक्षा के लिए सक्रिय उपाय करने की सलाह दी जाती है।

  • एक प्रभावी तरीका नियमित रूप से पत्तियों पर नीम के पानी के घोल का छिड़काव करना है।
  • इसके अतिरिक्त, सप्ताह में एक बार मिट्टी में नीम का घोल मिलाने से कीटों और बीमारियों के खिलाफ पौधे की प्रतिरोधक क्षमता में और वृद्धि हो सकती है।

निष्कर्षतः, गमले में करी पत्ते के पौधे को उगाने और उसकी देखभाल करने के लिए उपरोक्त जानकारी पर ध्यान देने और विशिष्ट परिस्थितियों के पालन की आवश्यकता होती है। इन दिशानिर्देशों का पालन करके, आप अपने घर के बगीचे से ही ताज़ी चुनी हुई करी पत्तियों की मनमोहक सुगंध और स्वाद का आनंद ले सकते हैं।

शुभ बागवानी!

अपना स्वयं का बगीचा बनाएं!

tulsi plant

तुलसी का पौधा कैसे उगाएं और उसकी देखभाल कैसे करें

तुलसी, जिसे पवित्र तुलसी, वृंदा, वैष्णवी आदि नामों से भी जाना जाता है, कई क्षेत्रों में एक लोकप्रिय बारहमासी पौधा है। सावधानीपूर्वक ध्यान देने के बावजूद, यह कभी-कभी सूख सकता है, खासकर सर्दियों में।

हमें अपने पौधों को स्वस्थ रखने के लिए कुछ कदम उठाने की जरूरत है। आइए एक-एक करके प्रत्येक बिंदु पर चर्चा करें।

तुलसी का पौधा कैसे उगाएं और उसकी देखभाल कैसे करें

तुलसी के पौधे की देखभाल कैसे करें, इसके बारे में यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं:

1. तुलसी के पौधे का स्थान या तुलसी के पौधे के लिए तापमान

तुलसी के पौधे पूर्ण सूर्य के प्रकाश में पनपते हैं। अपने बगीचे या बालकनी में ऐसी जगह चुनें जहां पौधे को रोजाना कम से कम 6-8 घंटे धूप मिल सके।

महत्वपूर्ण बिंदु:

(i) सर्दी के मौसम में जब तापमान 15℃-16℃ तक गिर जाता है, तो तुलसी की पत्तियां सूखने लगती हैं।

(ii) इसके विपरीत, गर्मियों में जब तापमान काफी बढ़ जाता है, तो पत्तियाँ जल सकती हैं, काली पड़ सकती हैं और आकार में सिकुड़ सकती हैं।

(iii) दोनों ही मामलों में, तुलसी के पौधे को कुछ छाया प्रदान करने की सलाह दी जाती है। पौधे को छायादार क्षेत्र में रखने से अत्यधिक तापमान के प्रभाव को कम करने में मदद मिल सकती है, चाहे वह बहुत अधिक या बहुत कम हो।

2. तुलसी के पौधे के लिए मिट्टी

Soil mix

  • तुलसी को कार्बनिक पदार्थों से भरपूर अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी पसंद है। बगीचे की मिट्टी और खाद का मिश्रण अच्छा काम करता है। सुनिश्चित करें कि मिट्टी बहुत अधिक सघन न हो।

3. तुलसी के पौधे के लिए गमले का आकार

Tulsi plant soil

अपने तुलसी के पौधे की स्वस्थ वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए, कम से कम 12 इंच व्यास वाले गमले का उपयोग करें।

  • बड़े बर्तन जड़ों को स्वतंत्र रूप से फैलने देते हैं, उन्हें उलझने से रोकते हैं और कुशल जल अवशोषण सुनिश्चित करते हैं। यह पौधों के समग्र स्वास्थ्य और दीर्घायु को बढ़ावा देता है।

4. तुलसी के पौधे को पानी देने के टिप्स

तुलसी के पौधे को पानी देने से पहले विचार करने योग्य मुख्य बातें यहां दी गई हैं:

1. तुलसी एक उष्णकटिबंधीय (tropical) पौधा है और इसे अत्यधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती है। मिट्टी नम होनी चाहिए, कीचड़युक्त नहीं। पानी तभी दें जब मिट्टी पूरी तरह सूख जाए।

2. सतह को छूकर मिट्टी की नमी के स्तर की जाँच करें। यदि ऊपरी परत गीली है, तो भीतरी मिट्टी पर्याप्त रूप से नम होने की संभावना है, इसलिए पानी देने से बचें।

3. पानी देने से पहले, पूरी तरह से अवशोषण सुनिश्चित करने और वातन को बढ़ावा देने के लिए मिट्टी को 2-3 इंच तक ढीला कर दें।

4. पानी के वाष्पीकरण से बचने और मिट्टी को बहुत अधिक गर्म होने से बचाने के लिए पौधे को सुबह या शाम को पानी दें, जो संभावित रूप से पौधे की पत्तियों को नुकसान पहुंचा सकता है और उसके नष्ट होने का कारण बन सकता है। दोपहर के समय जब धूप तेज़ हो तो पानी देने से बचें।

5. तुलसी के पौधे की छँटाई युक्तियाँ (Pruning)

tulsi pruning

पौधों के स्वास्थ्य और दीर्घायु को बनाए रखने के लिए छंटाई आवश्यक है। इसमें पौधे के ऊंचे या मृत हिस्सों को काटना या हटाना शामिल है।

नियमित छंटाई, विशेष रूप से बढ़ते मौसम के दौरान, स्वस्थ विकास को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है।

फूलों वाले पौधों के लिए, लगातार खिलने को प्रोत्साहित करने के लिए मुरझाए फूलों (डेडहेडिंग) को हटाने के लिए नियमित रूप से छंटाई की जा सकती है।

महत्वपूर्ण लेख:

  • फूलों को बीज बनने से पहले हटाना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह पौधे की ऊर्जा को बीज उत्पादन के बजाय विकास की ओर पुनर्निर्देशित करता है।

6. तुलसी के पौधे के लिए खाद

तुलसी के पौधों को खाद देने के लिए, यदि उचित देखभाल और पानी दिया जाए, खासकर सर्दियों के दौरान, तो यह आम तौर पर अनावश्यक है।

  • हालाँकि, गर्मियों के दौरान, यदि उर्वरकों का उपयोग अन्य पौधों के लिए किया जाता है, तो आप महीने में एक बार “गाय-गोबर का तरल उर्वरक” या “वर्मीकम्पोस्ट” जैसे रसायन-मुक्त विकल्पों का उपयोग कर सकते हैं। कीड़ों की समस्या से बचने के लिए सुनिश्चित करें कि गाय का गोबर विघटित हो गया है।

7. तुलसी के पौधे के लिए कीटनाशक

जहाँ तक कीटनाशकों की बात है, तुलसी की प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता के कारण उनकी आवश्यकता दुर्लभ है।

  • अधिक या कम पानी देने से रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने के कारण कीट उत्पन्न हो सकते हैं। ऐसे मामलों में, नीम तेल स्प्रे जैसे रसायन-मुक्त विकल्प का चुनाव करें।

शुभ बागवानी!

Hydroponic

हाइड्रोपोनिक्स क्या है और यह किस प्रकार काम करता है

हाइड्रोपोनिक्स रहस्योद्घाटन: बिना मिट्टी के पौधे उगाना 

कृषि की निरंतर विकसित हो रही दुनिया में, हाइड्रोपोनिक्स एक क्रांतिकारी तकनीक के रूप में उभरी है, जो पारंपरिक मिट्टी-आधारित खेती के तरीकों को चुनौती दे रही है। यह उन स्थानों के लिए विशेष रूप से प्रासंगिक है जहां कृषि योग्य भूमि कीमती है, और जल संसाधन तेजी से दुर्लभ होते जा रहे हैं।

हाइड्रोपोनिक्स संसाधन की कमी से जूझ रहे देश में फसलों की खेती के लिए एक स्थायी समाधान प्रदान करता है।

इस लेख में, हम हाइड्रोपोनिक्स की अवधारणा पर गहराई से चर्चा करेंगे और इसके अनुप्रयोग का पता लगाएंगे:

हाइड्रोपोनिक्स की समझ

हाइड्रोपोनिक्स मिट्टी के बिना पौधे उगाने की एक विधि है, जहां पोषक तत्वों से भरपूर पानी का घोल सीधे पौधों की जड़ों को पोषण देता है।

‘हाइड्रोपोनिक्स’ शब्द की उत्पत्ति ग्रीक शब्द ‘हाइड्रो’ (पानी) और ‘पोनोस’ (कार्य) से हुई है, जो इस नवीन खेती तकनीक का सार बताता है।

हाइड्रोपोनिक्स किस प्रकार काम करता है?

Hydroponic farming

पौधों को पोषक तत्व प्रदान करने के लिए मिट्टी पर निर्भर रहने के बजाय, हाइड्रोपोनिक सिस्टम पौधों की जड़ों को सहारा देने के लिए विभिन्न माध्यमों जैसे पेर्लाइट, वर्मीक्यूलाइट, कोको कॉयर या यहां तक कि अकेले पानी का उपयोग करते हैं। हाइड्रोपोनिक्स किस प्रकार काम करता है इसकी एक सरल व्याख्या यहां दी गई है:

  1. पोषक तत्व का घोल: पौधों को विकास के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है।
  • हाइड्रोपोनिक्स में, इन पोषक तत्वों को सावधानीपूर्वक संतुलित पोषक घोल बनाने के लिए पानी में घोल दिया जाता है, जिससे पौधों को इष्टतम पोषण मिलता है।
  1. विकास का माध्यम: मिट्टी की अनुपस्थिति में, विकास का माध्यम पौधों की जड़ों के लिए एक सहायक संरचना के रूप में कार्य करता है।
  • यह माध्यम पौधे को अपनी जगह पर बनाए रखता है और जड़ों को पोषक तत्वों के घोल से पोषक तत्वों को अवशोषित करने में सक्षम बनाता है।
  1. जड़ें और ऑक्सीजन: हाइड्रोपोनिक प्रणालियों में पौधों की जड़ें या तो पानी में डूबी रहती हैं या समय-समय पर पोषक तत्व के घोल के संपर्क में रहती हैं।
  • जड़ों के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है और इसे पोषक तत्वों के घोल को ऑक्सीजन देने या वातित प्रणालियों का उपयोग करने जैसी तकनीकों के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है।
  1. नियंत्रित वातावरण: हाइड्रोपोनिक सेटअप अक्सर नियंत्रित वातावरण में काम करते हैं जहां तापमान, आर्द्रता और प्रकाश जैसे कारकों को पौधों के विकास के लिए अनुकूलित किया जा सकता है।
  • यह मौसमी विविधताओं पर काबू पाते हुए साल भर फसल उगाने के लिए विशेष रूप से फायदेमंद साबित होता है।
  • हाइड्रोपोनिक्स को अपनाकर, राष्ट्र अपनी कृषि पद्धतियों में क्रांति लाने, बहुमूल्य भूमि और जल संसाधनों को संरक्षित करते हुए अधिकतम उपज प्राप्त करने की क्षमता रखता है।
  • चूंकि देश जलवायु परिवर्तन और संसाधनों की कमी से संबंधित बढ़ती चुनौतियों का सामना कर रहा है, हाइड्रोपोनिक्स कृषि के भविष्य के लिए एक स्थायी और दूरदर्शी समाधान के रूप में सामने आया है।

हाइड्रोपोनिक सिस्टम के प्रकार

hydroponics

1. डीप वाटर कल्चर (Deep Water Culture): इस प्रणाली में, पौधे पोषक तत्वों के घोल पर तैरते हैं, उनकी जड़ें पानी में लटकी रहती हैं। घोल को ऑक्सीजनित करने के लिए वायु पत्थरों या पंपों का उपयोग किया जाता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि जड़ों को ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति मिले।

2. न्यूट्रीएंट फिल्म तकनीक (Nutrient Film Technique): पोषक तत्व घोल की एक पतली फिल्म पौधों की जड़ों पर बहती है, जो आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करती है जबकि जड़ों को हवा से ऑक्सीजन तक पहुंचने की अनुमति देती है।

3. उतार और प्रवाह (Flood and Drain): इस प्रणाली में समय-समय पर पौधों में पोषक तत्वों का घोल डाला जाता है और फिर उसे सूखा दिया जाता है, जिससे एक चक्र बनता है जो पोषक तत्वों और ऑक्सीजन की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करता है।

4. वर्तिका प्रणाली (Wick System): एक सरल और निष्क्रिय प्रणाली जो जलाशय से पौधों की जड़ों तक पोषक तत्व घोल खींचने के लिए बाती का उपयोग करती है।

हाइड्रोपोनिक्स के लाभ 

hydroponics

1. जल दक्षता (Water Efficiency): हाइड्रोपोनिक प्रणाली पारंपरिक खेती के तरीकों की तुलना में काफी कम पानी का उपयोग करती है, जो दुनिया भर में पानी की कमी वाले क्षेत्रों में एक महत्वपूर्ण लाभ है।

2. स्थान का उपयोग (Space Utilization): हाइड्रोपोनिक्स में ऊर्ध्वाधर खेती की जा सकती है और सीमित भूमि संसाधनों के उपयोग को अधिकतम करते हुए शहरी सेटिंग्स में इसका अभ्यास किया जा सकता है।

3. साल भर खेती (Year-round Cultivation): हाइड्रोपोनिक्स में नियंत्रित वातावरण साल भर खेती करने में सक्षम बनाता है, जिससे मौसमी फसलों पर निर्भरता कम हो जाती है।

4. उच्च पैदावार और तेज़ विकास ( Higher Yields and Faster Growth): इष्टतम परिस्थितियों में, हाइड्रोपोनिक प्रणालियों में पौधे अक्सर पारंपरिक तरीकों की तुलना में तेज़ विकास दर और उच्च पैदावार प्रदर्शित करते हैं।

5. कीटनाशकों का कम उपयोग (Reduced Pesticide Use): हाइड्रोपोनिक्स में नियंत्रित वातावरण कीटों और बीमारियों की घटनाओं को कम कर सकता है, जिससे रासायनिक कीटनाशकों की आवश्यकता कम हो जाती है।

हाइड्रोपोनिक्स दुनिया में टिकाऊ कृषि के लिए आशा की किरण प्रदान करता है, जिसमें दक्षता के साथ नवाचार का संयोजन शामिल है। मिट्टी की बाधाओं के बिना पौधों की खेती की पुनर्कल्पना करके, हाइड्रोपोनिक्स एक हरित कृषि भविष्य का मार्ग प्रशस्त करता है।

चूँकि दुनिया भूमि की कमी और पानी के तनाव जैसी चुनौतियों से जूझ रही है, हाइड्रोपोनिक्स जैसी तकनीकों को अपनाने से टिकाऊ खेती के एक नए युग की शुरुआत हो सकती है, जिससे बहुमूल्य प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित करते हुए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।

शुभ बागवानी!!