अजवायन के पौधे को मैक्सिकन मिंट या इंडियन बोरेज के नाम से भी जाना जाता है । जो अजवाइन (कैरम सीड ) हम मसालों में इस्तेमाल करते है, वो अलग है, और ये पौधा अलग है, दोनों को ही अजवाइन कहते है क्यूंकि इस पौधे से भी अजवाइन की ही खुशबू आती है। दरअसल इसे छूने से ही पता चल जाता है कि यह अजवायन का पौधा है और इन पत्तों के कई फायदे भी हैं।
अगर आप घर में अजवाइन का पौधा लगाना चाहते हैं तो इसके लिए सबसे पहले ये जान लेना जरुरी है कि इसके लिए आपको क्या करना चाहिए? इस पोस्ट में, हम कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा करेंगे जो आपको अपने घर पर अजवाइन का पौधा उगाने में मदद करेंगे।
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- अजवायन के पौधे की हरी पत्तियों को ऑरेगैनो कहा जाता है और इसे पिज्जा में भी इस्तेमाल किया जाता है।
- इससे खाने में सुगंध भी आती है और एक अलग स्वाद भी।
- अजवायन के पौधे की पत्तियों को सुखाकर आप घर पर भी ऑरेगैनो बना सकते हैं।
अजवायन के पौधे का औषधीय उपयोग
अजवायन का पौधा प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, सोडियम, पोटेशियम, कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन और थायमिन जैसे कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जिसके कारण इसका उपयोग औषधीय पौधे के रूप में किया जाता है।
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- इससे घुटनों के दर्द में आराम मिलता है।
- यह गैस्ट्रिक दर्द और एसिडिटी की समस्या में भी मदद करता है।
- दिन में 2-3 पत्तों का सेवन आने वाली समस्याओं के लिए काफी है।
अजवाइन का उपयोग व्यंजन में
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- इसके पत्तों का उपयोग चाय,सब्जी और नमकीन एवम अलग-अलग व्यंजनबनाने में किया जा सकता है।
- यह इतालवी व्यंजनों में भी स्वाद बढ़ाता है।
अजवायन के पौधे के लिए सबसे अच्छा मौसम
- चूँकि अजवायन गर्मियों का पौधा है, इसलिए गर्मियों में ये बहुत तेज़ी से बढ़ता है।
- अजवायन के पौधे की वृद्धि के लिए फरवरी से अक्टूबर का समय सबसे अच्छा होता है।
- इस पौधे के लिए आवश्यक सूर्य के प्रकाश की मात्रा 1-4 घंटे की होती है, इससे अधिक नहीं। नहीं तो यह जरूरत के हिसाब से नहीं पनपेगा।
- सर्दियों के दौरान, यह धीमी गति से बढ़ता है और इसे कड़ाके की ठंड से बचाने के लिए खुले में न रखे।
अजवायन के पौधे के लिए पानी आवश्यकता
- अजवायन के पौधे को कम पानी की जरूरत होती है।
- जब गमले की मिट्टी शुष्क लगे तब पानी दें , एक बार दे और अच्छे से दे, मगर बार बार पानी न दे।
अजवाइन के पौधे के लिए मिट्टी का सबसे अच्छा मिश्रण
1. साधारण मिट्टी
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- हमेशा अपने क्षेत्र में उपलब्ध मिट्टी को लें।
- पौधे हमेशा पर्यावरण के अनुकूल मिट्टी में अच्छी तरह से बढ़ते हैं।
2. कम्पोस्ट (साधारण मिट्टी का आधा)
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- यदि मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी है, तो पोषक तत्वों और खनिजों के विशेष स्तर को पूरा करने के लिए खाद की आवश्यकता होती है।
- कम्पोस्ट (वर्मीकम्पोस्ट या गोबर खाद या किचन कम्पोस्ट) की मात्रा, जो हमने मिट्टी ली है उसकी आधी होनी चाहिए।
3. रेत (कम्पोस्ट का आधा)
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- नदी की रेत लें जो आपके क्षेत्र या किसी निर्माण स्थल के पास उपलब्ध हो।
- रेत आवश्यक है क्योंकि यह मिट्टी को पत्थर की तरह सख्त होने से रोकता है।
4. नारियल का बुरादा (कोकोपीट)
- नारियल का बुरादा (कोकोपीट) नमी को लंबे समय तक बनाए रखता है।
- यदि आपके क्षेत्र में 3 से 4 घंटे के लिए धूप आती है तो नारियल के बुरादे की मात्रा रेत के समान होनी चाहिए।
अगर सूरज की रोशनी 1 से 2 घंटे के लिए है तो नारियल के बुरादे की मात्रा रेत की आधी होनी चाहिए।
5. नीम की खली (नीम केक)
इन सभी उत्पादों के अतिरिक्त थोड़ी मात्रा में नीम की खली (नीम केक) भी डाली जा सकती है।
सभी सामग्री को अच्छी तरह से मिलाएं और इससे अजवायन के पौधे के लिए एक आदर्श मिट्टी का मिश्रण तैयार होगा।
अजवायन के पौधे के लिए सबसे अच्छे गमले
- अजवाइन के पौधे के लिए मिट्टी के गमले सबसे अच्छे होते हैं, लगभग 10-12 इंच का गमला छत या बालकनी की बागवानी के लिए पर्याप्त होता है।
- यह पौधा “अजवाईन का पौधा” के नाम से सभी नर्सरियों में आसानी से मिल जाता है और इसे 40-50 रुपये में खरीदा जा सकता है। इसकी डंडी ले कर आप कटिंग से भी इसे बहुत आसानी से उगा सकते है।
अजवायन के पौधे के लिए सर्वोत्तम उर्वरक
अजवायन के पौधे में फूल आने और फलने की प्रक्रिया नहीं होती है इसलिए किसी भी भारी उर्वरक जैसे रसायन, डीएपी, या एनपीके की आवश्यकता नहीं होती है। जैविक खाद को हमेशा प्राथमिकता दी जाती है।
सुझाए गए उर्वरक निम्न हैं:
1. किचन कम्पोस्ट टी
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- किचन कम्पोस्ट बनाने की प्रक्रिया में, तरल अवशिष्ट प्राप्त होता है जिसे किचन कम्पोस्ट टी कहा जाता है।
- यह पौधे के विकास के लिए एक बहुत ही स्वस्थ टॉनिक के रूप में कार्य करता है। इसे दुगने पानी में घोलकर हर महीने पौधे को दें।
2. वर्मीकम्पोस्ट टी:
- थोड़ी सी वर्मीकम्पोस्ट को 1 लीटर पानी में मिलाकर 24 घंटे के लिए अलग रख दें।
- 24 घंटे के बाद, ऊपर का पानी लें (जमी हुई खाद को छोड़ दें) और इसे 4 लीटर पानी में मिला दें। प्रत्येक 30 दिन में इसे अजवाइन के पौधे में दे ।
3. सरसो की खल
सरसो की खल की खाद भी एक साल में तीन बार (फरवरी, अगस्त और नवंबर) दिया जा सकता है जब मौसम बहुत गरम नहीं होता है।
अजवाइन के पौधे की कटाई और छंटाई
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- पौधे की तेजी से वृद्धि के लिए एक सप्ताह में पत्तियों और शाखाओं की 3-4 बार छंटाई करनी चाहिए।
- इन शाखाओं का उपयोग नए पौधों की वृद्धि के लिए कटाई के रूप में किया जा सकता है।
अजवायन के पौधे के लिए कीटनाशक
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- सामान्यत: इस पर किसी कीट का आक्रमण नहीं होता है। फिर भी 3-4 महीने में एक बार नीम का छिड़काव किया जा सकता है।
उपरोक्त जानकारी अजवायन के पौधे के बारे थी, उम्मीद है आपको अच्छी लगी होगी।”अजवाईन के पौधे” के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए नीचे दिए गए वीडियो को देखें।और बागवानी करते रहें!!
धन्यवाद!