Pinching of Marigold Plant To Get More Flowers and Bushy Plant
Pinching (or pruning) is a highly effective technique for achieving a fuller marigold plant with more blooms. By trimming the main stem, the plant encourages multiple new branches, each potentially bearing a bloom. Let’s understand why pinching is important for marigolds and how to perform it properly.
Why Pinch Marigold Plant?
1. 🌼 To Encourage More Blooms
Pinching promotes the growth of additional branches, and each branch can produce a bloom. This increases the overall number of flowers on the plant, making it more vibrant and attractive.
2. 🌿 To Maintain a Bushier Plant
Pinching makes the plant bushier and more spread out, which adds to its visual appeal in the garden. A denser structure also makes the plant stronger and healthier.
गेंदे (Marigold) के पौधे की पिचिंग (Pruning) जिससे मिलते हैं अधिक फूल और घना पौधा
गेंदे के पौधे में अधिक फूल और शाखाएं पाने के लिए पिचिंग (pruning) एक बहुत ही उपयोगी तकनीक है। इस प्रक्रिया में पौधे के मुख्य तने को हल्का काटा जाता है, जिससे उसमें कई नई शाखाएं निकलने लगती हैं। आइए समझते हैं कि पिचिंग क्यों की जाती है और इसे कैसे सही तरीके से किया जाए।
गेंदे (Marigold) की पिचिंग क्यों करें? Pruning of Marigold
✅ अधिक फूलों के लिए
पिचिंग करने से पौधे में अधिक शाखाएं निकलती हैं, और हर शाखा पर एक फूल आता है। इससे पौधे पर फूलों की संख्या बढ़ जाती है, और यह अधिक आकर्षक लगता है।
✅ लंबे समय तक पौधा घना बना रहे
पिचिंग से पौधा घना और फैलावदार हो जाता है, जिससे बगीचे में वह और भी सुंदर दिखता है। इसका घना रूप इसे अधिक मजबूत और स्वस्थ भी बनाता है।
जब गेंदे का पौधा लगभग 6-8 इंच का हो जाए, तो उसे पिचिंग के लिए तैयार माना जाता है। इस ऊंचाई पर पौधा पर्याप्त मजबूत हो जाता है, जिससे उसमें नई शाखाएं निकलने की संभावना बढ़ जाती है।
✅ गेंदे (Marigold) के पौधे की पिचिंग की विधि
पौधे के मुख्य तने को उस स्थान से काटें, जहाँ से नई शाखाएं निकलना शुरू हो रही हों।
इस प्रक्रिया में आप एक तेज और साफ चाकू या कैंची का उपयोग कर सकते हैं।
इस बात का ध्यान रखें कि कटाई साफ-सुथरी हो ताकि पौधे को नुकसान न पहुंचे और नए अंकुर जल्दी निकलें।
गेंदे के पौधे में पिचिंग की इस तकनीक को अपनाकर आप अपने बगीचे में फूलों की संख्या और पौधे की खूबसूरती दोनों बढ़ा सकते हैं।
क्या आप जानते हैं – जेड प्लांट और क्रासुला ओवाटा दोनों अलग पौधे हैं?
Is Jade Plant and Crassula Ovata Different Plant
जेड प्लांट और क्रासुला ओवाटा दोनों ही सुकुलेंट (succulent) हैं, और अक्सर इन्हें एक जैसा माना जाता है। हालांकि वे एक ही परिवार से संबंधित हैं और समानताएं साझा करते हैं, फिर भी इन दोनों पौधों के बीच कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं ।
इन विभिन्नताओं को समझने से आप दोनों पौधों की बेहतर देखभाल कर सकेंगे और यह सुनिश्चित कर सकेंगे कि ये आपके घर या बगीचे में अच्छी तरह से ग्रो करें।
जेड प्लांट और क्रासुला ओवाटा के बीच का अंतर
1. पत्तियों का आकार
पत्तियों का आकार दोनों पौधों में प्रमुख अंतर है:
जेड प्लांट: जेड प्लांट की पत्तियाँ आमतौर पर छोटी और कॉम्पैक्ट होती हैं, जो इसे एक नाजुक रूप देती हैं।
क्रासुला ओवाटा: क्रासुला ओवाटा की पत्तियाँ आकार में बड़ी और मजबूत होती हैं, जिससे यह पौधा जेड प्लांट की तुलना में अधिक भरा हुआ और भारी दिखता है।
2. सूर्यप्रकाश की आवश्यकता
दोनों पौधों को सूर्यप्रकाश पसंद है, लेकिन उनकी प्राथमिकताएं थोड़ी अलग होती हैं:
जेड प्लांट: इसे प्रतिदिन 3 से 4 घंटे सीधा सूर्यप्रकाश चाहिए होता है, इसलिए इसे ऐसी जगह रखें जहां पर्याप्त धूप मिले, जैसे कि खिड़की के पास या बाहर किसी धूप वाले स्थान पर।
क्रासुला ओवाटा: इस पौधे को अप्रत्यक्ष सूर्यप्रकाश (bright light) पसंद है। यह कम धूप में भी बढ़ सकता है, इसलिए यह घर के अंदर या कम धूप वाले स्थानों में भी अच्छी तरह पनप सकता है।
दोनों पौधे सूखा सहन कर सकते हैं और इन्हें कम पानी की जरूरत होती है। पानी देने से पहले मिट्टी को पूरी तरह से सूखने देना चाहिए ताकि जड़ सड़ने की समस्या से बचा जा सके।
4. अधिक पानी सहन करने की क्षमता
हालांकि दोनों पौधे रसीले हैं, लेकिन अधिक पानी को सहन करने की क्षमता में अंतर है:
जेड प्लांट: यह पौधा थोड़े ज्यादा पानी को सहन कर सकता है, लेकिन फिर भी अधिक नमी से बचना जरूरी है।
क्रासुला ओवाटा: यह पौधा ज्यादा पानी के प्रति संवेदनशील है। इसकी जड़ें पानी में लंबे समय तक रहने पर सड़ सकती हैं, इसलिए इसे अतिरिक्त सावधानी से पानी देना चाहिए।
5. अधिक पानी के लक्षण (Overwatering)
अधिक पानी देने से दोनों पौधों की पत्तियों में बदलाव आ सकते हैं:
जेड प्लांट: इसकी पत्तियाँ पीली हो जाती हैं, जो संकेत देती हैं कि पौधे को अधिक पानी मिल रहा है।
क्रासुला ओवाटा: इसके विपरीत, क्रासुला ओवाटा की पत्तियाँ भूरी हो जाती हैं, जो पौधे को ज्यादा गंभीर नुकसान का संकेत देती हैं।
इन पौधों का आकार भी इन्हें पहचानने में मदद करता है:
जेड प्लांट: यह आमतौर पर छोटे आकार का रहता है और छोटे स्थानों में आसानी से रखा जा सकता है।
क्रासुला ओवाटा: यह अधिक बड़ा और पेड़ जैसा बन सकता है, खासकर जब इसे उचित स्थान और देखभाल मिले। यह 3 फीट तक बढ़ सकता है, जबकि जेड प्लांट आमतौर पर छोटा और कॉम्पैक्ट रहता है।
7. मिट्टी का मिश्रण
दोनों पौधों को एक जैसी मिट्टी पसंद है:
मिट्टी: दोनों के लिए एक अच्छी जलनिकासी वाली, रेतीली मिट्टी सबसे उपयुक्त है। सक्सुलेंट या कैक्टस के लिए तैयार किया गया मिट्टी का मिश्रण इनकी जड़ों में पानी रुकने से रोकता है।
8. मौसमी प्राथमिकताएं
हर पौधा एक खास मौसम में सबसे अच्छा बढ़ता है:
जेड प्लांट: यह गर्मियों में अच्छी तरह से बढ़ता है, और इसके लिए 25°C से 35°C के बीच का तापमान आदर्श है।
क्रासुला ओवाटा: यह ठंडे मौसम में बेहतर पनपता है, और 18°C से 25°C का तापमान इसके लिए उपयुक्त है।
9. तापमान सहनशीलता
इन पौधों का तापमान सहनशीलता में भी अंतर है:
जेड प्लांट: यह गर्म क्षेत्रों में अच्छी तरह बढ़ता है, जहाँ तापमान 25°C से 35°C के बीच होता है।
क्रासुला ओवाटा: यह ठंडे तापमान को बेहतर तरीके से सहन कर सकता है और 18°C से 25°C के तापमान वाले स्थान इसके लिए अनुकूल होते हैं।
निष्कर्ष
हालांकि जेड प्लांट और क्रासुला ओवाटा में कई समानताएं हैं, फिर भी इनके पत्तियों के आकार, सूर्यप्रकाश की आवश्यकता, अधिक पानी के प्रति सहनशीलता और मौसमी बढ़त में कुछ अलग विशेषताएं हैं। इन विभिन्नताओं को समझने से आप इनकी सही देखभाल कर पाएंगे और यह सुनिश्चित कर पाएंगे कि ये पौधे स्वस्थ और आकर्षक बने रहें। चाहे आप इन्हें घर के अंदर रखें या बाहर, इनके व्यक्तिगत जरूरतों को जानना एक सफल पौधा देखभाल का आधार है।
Peace lilies are one of the most popular indoor plants due to their lush foliage, graceful white blooms, and low maintenance needs. However, like all plants, they require the right amount of water to flourish. Proper watering is essential for the peace lily’s health and appearance, as both overwatering and underwatering can lead to common plant issues like root rot or drooping leaves.
In this guide, we’ll discuss the ideal watering practices, the factors that affect your peace lily’s water needs, and tips to keep your plant happy and healthy.
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1. How long can Peace lily go without water?
Peace lilies have different watering requirements depending on environmental factors such as temperature, humidity, and season. Although there is no precise measurement for watering peace lilies, a good rule of thumb is to water them thoroughly until water begins to drain out of the pot’s drainage holes. This ensures that the soil is adequately moistened without saturating the roots, which can lead to rot.
Key Factors Affecting Water Needs:
1. Seasonal Changes: Peace lilies often require more frequent watering during summer when the air is warmer and drier.
2. Indoor Temperature and Humidity: Homes with air conditioning or heating can dry out the soil more quickly.
3. Pot Size and Type: Larger pots retain moisture longer, while smaller ones dry out more quickly. Additionally, terracotta pots absorb water from the soil faster than plastic pots, affecting watering frequency.
By understanding these factors, you can tailor your peace lily’s watering schedule to suit its specific environment.
Instead of adhering to a strict schedule, checking the soil’s moisture regularly is the best practice for peace lilies.
The top inch of the soil should feel slightly dry before the next watering.
This can be done with a simple finger test—if the top layer feels dry, it’s time to water.
This flexible approach helps prevent the risks associated with both overwatering and underwatering.
General Guidelines for Frequency:
1. Summer (High Heat): Water once every 3-5 days, or more if the soil dries out quickly.
2. Winter (Cooler Temps): Water every 7 to 12 days, as plants need less moisture due to lower evaporation rates.
3. Dry Indoor Environments: Check the soil more frequently, as indoor heating and air conditioning can affect soil moisture levels.
Remember, peace lilies are sensitive to overly dry or soggy soil, so adjusting to your plant’s needs is key.
3. Signs Your Peace Lily Needs Water
Knowing when to water your peace lily can prevent common plant issues like drooping, yellowing, or wilting leaves. Here are some tell-tale signs that your peace lily is in need of water:
1. Drooping Leaves:
One of the first signs that your peace lily needs water is drooping leaves. The leaves will appear limp and start to hang downward.
2. Dry Soil:
If the top inch of soil feels dry to the touch, it’s a clear signal that your plant needs watering.
3. Pale or Faded Leaves:
Dehydrated peace lilies may develop pale or faded leaves, indicating that the plant is not receiving adequate water.
By keeping an eye out for these signs, you can help your peace lily maintain its vibrant, healthy appearance.
4. Should I Let My Peace Lily Dry Out Before Watering?
Yes, but only slightly!
Peace lilies do best when allowed to dry out a bit between waterings, which means letting the top inch of soil dry but not letting the entire pot dry out.
If the soil becomes completely dry, the plant may go into distress, causing leaves to wilt or turn brown.
A small amount of dryness promotes root growth and helps avoid problems linked with overwatering.
However, letting it dry out completely can lead to dehydration issues that may stunt growth or harm the plant. Checking the soil and observing the leaves can prevent watering-related mishaps.
Spinach is a green leafy vegetable popularly known as Palak in India. It is a very healthy green vegetable having all the vitamins and minerals to build a strong immune system. Spinach can be grown at home. In this post, we will discuss how we can grow spinach at home.
Best season to grow Spinach
Spinach can be grown for both the summer and winter seasons.
For summers, it can mature from mid-February to April. If it is extreme summer, then seeds germinate but it will not grow properly.
For winters, it can be grown from mid-August to October. During severe cold, its seeds do not germinate.
How to grow Spinach at home in pot
The roots of the spinach do not go very deep nor spread very much. So, this plant does not require a deep pot.
The pot should be wider in size in comparison to the depth of the pot, it can be 6 to 8 inches in height.
Any old tub or bucket or rectangular plastic pot can also be preferred for planting spinach.
Perfect Soil for Spinach
Soil is a very important factor in gardening. To prepare the soil mixture for Spinach, take normal garden soil, sand, and any compost or fertilizer. Keep the ratio as Soil 50%, Compost 30% and Sand 20%.
❖ Clean the garden soil properly and add sand to it. In sand, seeds germinate faster plus sand does not make soil hard.
❖ To add nutrition to the soil, add any fertilizer or compost. We can also add liquid cow dung fertilizer.
❖ Mix all three things properly and keep this mixture for 3 days.
❖ Soil would be ready to use after 3 days.
How to Grow Spinach from Seeds?
Spinach can be grown from seeds very easily and quickly.
Seeds can be bought from nurseries or online and they are inexpensive.
Spinach cannot be transplanted in another pot or container.
From seeds sowing till the final product, only one container would be used. So select all the apparatus attentively.
Below are the steps to grow spinach from seeds
Take the pot, make holes in its bottom, and cover the hole with any paper.
Fill the pot with the prepared soil mixture.
Place the seeds on the surface of soil at optimum distance, so that seeds can germinate properly.
Cover the seeds with another layer of soil mixture.
Spray water on the top layer of the soil. This layer should always be wet. Moisture needs to be maintained in the topmost layer of the soil.
Keep the pot in a warm place but not under direct sunlight.
Within five days, few germinated seeds can be seen.
By the 7th day, leaves would start coming but not true leaves, only cotyledon.
When seeds germinate, in the initial phase we get two types of leaves. The first two leaves (smaller one) which we get are called cotyledon. Cotyledons are part of the seeds only.
After cotyledon, the second type of leaves that comes out are called true leaves. The structure of these two leaves is completely different from cotyledon.
Be regular in giving water but do not keep the pot in direct sunlight till the point we get true leaves of spinach.
Give water or fertilizer carefully, it should not disturb the seedlings as they are weak in the beginning phase.
Shift the pot in sunlight when true leaves have arrived.
Initially, keep the pot in sunlight for 1 hour, the next day for 2 hours, and so on.
Spinach can bear 2-8 hours of sunlight but the temperature should not be very high.
Once a month, any fertilizer can be given to it.
How to harvest Spinach
Approximately, after 40-45 days homemade organic spinach can be harvested. It would be very fresh and pure.
Spinach leaves are used not only once but many times, meaning after a few days of harvesting, they will grow again in 25-30 days and can be harvested again. Therefore, while harvesting, take care not to damage the plant and its roots.
You can pluck this spinach 3-4 times, not more than that because of nutrition factors.
For this, you can use garden scissors while cutting or pinching with light hands.
This was all about spinach planting. Grow it and enjoy it.