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हरसिंगार (पारिजात) पौधे को कैसे उगाएं और इसकी देखभाल कैसे करें?

हरसिंगार, एक पौधा है जिसमें नारंगी और सफेद रंग के आकर्षक फूल खिलते हैं। इसको पारिजात, रात्रि-फूल वाली चमेली (Night Jasmine), शिउली या शेफाली (Shiuli) जैसे कई नामों से भी जाना जाता है। सुंदर और सुगंधित फूल पाने के लिए इसे मध्यम आकार के गमलों में उगाया जा सकता है।

हरसिंगार (पारिजात) 

  • हरसिंगार एक पवित्र पौधा है जिसके बहुत सारे फायदे हैं।
  • लोग हरसिंगार पौधे की पूजा करते हैं और इसके फूलों को देवताओं को भी चढ़ाते हैं।
  • इसके विभिन्न औषधीय और स्वास्थ्य लाभ भी हैं। इस पौधे की पत्तियों में बुखार, साइटिका और घुटनों के दर्द को ठीक करने की क्षमता होती है। इन पत्तियों से कई औषधियाँ बनाई जाती हैं।
  • विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों में प्राकृतिक खाद्य रंग के रूप में इसके फूलों का उपयोग किया जा सकता है। व्यंजनों में केसर की जगह सूखे फूलों का इस्तेमाल किया जा सकता है।

यह बारहमासी पौधा है, बहुत ही कठोर और इसकी देखभाल करना बहुत आसान है। एक बार स्थापित होने के बाद यह 100 वर्षों तक चलेगा। विविधता की दुनिया में, प्रत्येक जीवित प्राणी की ज़रूरतें, व्यवहार और आवश्यकताएं अलग-अलग हैं। इस आलेख में, हरसिंगार के सभी पहलुओं का विस्तार से वर्णन किया जाएगा, ताकि आप भी इस पौधे को उगा सके।

हरसिंगार (पारिजात) के लिए सबसे अच्छा मौसम

1. उगाने का मौसम – हरसिंगार एक सामान्य ग्रीष्मकालीन पौधा है और फरवरी से सितंबर तक 8 महीनों तक अच्छी तरह से पनपता है। इस अवधि में नई शाखाएँ और पत्तियाँ तीव्र गति से निकलती हैं।

2. खिलने का मौसम – हरसिंगार (पारिजात) में  फूल अक्टूबर से लेकर दिसंबर, जनवरी और फ़रवरी तक खिलते हैं।

3. सुप्त अवस्था  – ठंड के मौसम में यह पौधा थोड़ी सुप्त अवस्था  (dormancy period) में चला जाता है। विशेषकर उत्तर भारत में दिसंबर के अंत से जनवरी तक यह तनाव (stress) में रहता है। इसके विकास, फूल आने और सुप्तता चक्र के अनुरूप फरवरी में इसकी छंटाई (pruning) करें।

पौध प्रवर्धन (Plant Propagation)

  • इसे कलमों द्वारा प्रवर्धित (विकसित) किया जा सकता है।
  • इसके पौधे को उगाने के लिए बीजों का उपयोग किया जा सकता है।
  • उपरोक्त दोनों के लिए, पौधा उगाने का सबसे अच्छा समय फरवरी का महिना होता है।
  • इसे नर्सरी से भी खरीदा जा सकता है। इसे नर्सरी से प्राप्त करने का सबसे अच्छा समय मार्च का अंत और अप्रैल है।

नर्सरी से खरीदते समय हरसिंगार (पारिजात) की पहचान कैसे करें?

प्रारंभ में, पौधे में कोई फूल नहीं होते हैं, इसलिए पौधे की पहचान करने के लिए पत्तियों की जाँच की जा सकती है।

  • इसकी पत्तियाँ खुरदरी बनावट वाली थोड़ी नुकीली होती हैं (जिन्हें उन पर हाथ फेरकर महसूस किया जा सकता है)
  • पत्तियां चमकदार नहीं होती हैं, बाहरी सतह पर मैट फ़िनिश के साथ बढ़ती हैं।
  • पत्तियां सूखी होती हैं, उन्हें हाथ से मोड़ने पर थोड़ी खुश्की महसूस होगी।

हरसिंगार (पारिजात) के लिए गमला कैसा होना चाहिए

  • आमतौर पर यहां बड़े आकार के मिट्टी के गमले को प्राथमिकता दी जाती हैं।
  • 12 इंच से लेकर 16 इंच, 18 या 21 इंच तक के आकार का कोई भी गमला चुना जा सकता है।
हरसिंगार का पेड़ गमले में

पारिजात (हरसिंगार) पौधे की मिट्टी कैसी होनी चाहिए

इस पौधे की मिट्टी मुलायम और भुरभुरी होनी चाहिए। चिकनी और कठोर मिट्टी से बचें, उस मिट्टी में पौधे जीवित नहीं रह पाएंगे।

मिट्टी बनाने की विधि:

  • स्थानीय मिट्टी लें और उसे अच्छी तरह से साफ करें।
  • मिट्टी की आधी मात्रा के बराबर रेत लें।
  • रेत की आधी मात्रा में कम्पोस्ट (यहां गाय के गोबर की कम्पोस्ट ले सकते है) लें।
  • सभी चीजों को अच्छे से मिला लें।

तथ्य:

  • कठोर या चिकनी मिट्टी, गलत गमला (इस पौधे के लिए कम से कम 1 सीजन के लिए हमेशा मिट्टी का गमला चुनें), और अधिक पानी देने से पौधे की वृद्धि में बाधा आ सकती है।

पौधे को स्थानांतरित करने के बाद, फूल आने तक इसे अधिक घना बनाने के लिए निम्नलिखित उपायों का पालन करना आवश्यक है।

हरसिंगार को सूर्य के प्रकाश की आवश्यकता

  • एक बार जब पौधा शिफ्ट होकर व्यवस्थित हो जाए तो उसे ऐसे स्थान पर रखें जहां सबसे ज्यादा धूप आती हो।
  • इस पौधे को  कम से कम 4 घंटे की धूप अनिवार्य है।

पारिजात (हरसिंगार) पौधे की छंटाई (प्रूनिंग)

  • सभी शाखाओं के सिरे को गाँठ के ठीक ऊपर से काटें।
  • लगभग 25 दिनों के बाद उस बिंदु से नई शाखाएँ उग आएंगी जहाँ से सिरे निकाले गए थे।

हरसिंगार को पानी देने का तरीका  

कई पौधों को जीवित रहने के लिए नम मिट्टी की आवश्यकता होती है लेकिन यहां इसकी सलाह नहीं दी जाती है। हरसिंगार को तब पानी की आवश्यकता होती है जब मिट्टी अंदर से भी सूखी हो।

  • पहली बार पानी ठीक से किश्तों में दें जब तक कि वह नीचे के छिद्र से बाहर न आ जाए।
  • उसके बाद ऊपरी मिट्टी को ढीला बनायें और यदि मिट्टी अंदर से सूखी हो तो पानी दें।
  • यदि मिट्टी गीली है तो पानी देने के लिए कुछ दिन और रुकें।
  • यह पौधा अधिक पानी देने से नहीं, बल्कि कम पानी देने से मर जाता है।

हरसिंगार को खाद कब दें 

  • हरसिंगार को खाद देने का तरीका थोड़ा अलग है।
  • फरवरी से सितंबर – इस समय गाय के गोबर की तरल (cow-dung liquid fertilizer) खाद देनी चाहिए। यह खाद महीने में एक बार एक निश्चित तारीख को को ही देनी चाहिए।
  • वैकल्पिक रूप से, इस अवधि में वर्मीकम्पोस्ट टी (vermicompost tea) का भी उपयोग किया जा सकता है।
  • अक्टूबर से जनवरी – इन 4 महीनों के लिए सरसों की खली(mustard cake liquid fertilizer) की तरल खाद को प्राथमिकता देनी चाहिए।
  • इसके अलावा इस समय कोई तरल टॉनिक (प्याज का छिलका, एप्सम नमक या केले का छिलका) यानी सूक्ष्म पोषक तत्व भी 15 दिन के अंतराल में देना चाहिए।
  • शरद ऋतु इस पौधे के फूल आने का समय है, इसलिए इसमें लगातार फूल खिलने के लिए उचित उर्वरक डालना चाहिए।

तथ्य:

  • हरसिंगार पौधे में फूल आने की अनूठी दिनचर्या होती है।
  • फूल शरद ऋतु में आते हैं और रात के दौरान खिलते हैं और अगली सुबह वे अपने आप झड़ जाते हैं।
  • हरसिंगार लगभग 1.5 महीने तक खिलता है और उसके बाद सर्दी के मौसम पौधे में इस  की सुसुप्त अवधि (dormancy period) होती है।

 

उपरोक्त विवरण पारिजात पौधे के बारे में थी। इस उगाएं। और इसका आनंद लें।

इस पौधे की देखभाल करके इससे ढेर सारे फूल प्राप्त करें।

शुभ बागवानी!!

धन्यवाद!